अवैध शराब बिक्री करते दो युवक गिरफ्तार, एक नाबालिग को भी बनाया था साथी

खैरागढ़ : मामूली विवाद में नाराज होकर किशोरी लापता

सिस्टम के धक्के खाता किसान — दो वर्षों से न्याय की बाट जोहता बंशीलाल - क्या प्रशासन की संवेदनशीलता मर चुकी है?

Education

जिला शिक्षा अधिकारी की मनमानी: केंद्राध्यक्ष नियुक्ति में वरिष्ठों की अनदेखी, चापलूसी करने वालों को मिली प्राथमिकता

Nilesh Yadav

22-02-2025 04:07 PM

खैरागढ़ : माध्यमिक शिक्षा मंडल, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्राध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और लिपिकों द्वारा वरिष्ठ एवं कनिष्ठ व्याख्याताओं के बीच भेदभाव पूर्ण कार्यवाही किए जाने का मामला सामने आया है।

सूत्रों के अनुसार, मंडल द्वारा प्रत्येक परीक्षा केंद्र हेतु वरिष्ठता के अनुसार प्रस्ताव भेजने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था, परंतु जिला शिक्षा अधिकारी ने मनमानी करते हुए एक अलग सूची तैयार कर भेज दी। इस सूची में वरिष्ठ व्याख्याताओं को दूरस्थ और कम दर्ज वाले केंद्रों में भेज दिया गया, जबकि कनिष्ठ व्याख्याताओं को बड़े एवं संवेदनशील केंद्रों में नियुक्त किया गया है।

चापलूसी करने वालों को मिली प्राथमिकता

यह भी आरोप है कि ज्यादातर कनिष्ठ व्याख्याताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष चापलूसी कर उच्च दर्ज वाले परीक्षा केंद्र प्राप्त कर लिए, जबकि वरिष्ठ व्याख्याताओं को उनके अनुभव के बावजूद उचित केंद्र नहीं दिया गया।

नकल प्रकरण में लिप्त शिक्षकों को भी नियुक्ति

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले वर्ष नकल प्रकरण में लिप्त पाए गए कुछ शिक्षकों को भी केंद्राध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि नियमों के अनुसार उन्हें कम से कम एक वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था।

विधायक प्रतिनिधि की आपत्ति

विधायक प्रतिनिधि एवं अधिवक्ता मनराखन देवांगन ने माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी सूची का हवाला देते हुए कहा कि कई व्याख्याताओं को प्रश्न-पत्र जमा करने और निकालने में कठिनाई होगी। उन्होंने मांग की है कि वरिष्ठता एवं आने-जाने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस सूची में संशोधन किया जाए, ताकि परीक्षा कार्य शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके।

विवादास्पद शिक्षकों को बनाया गया नोडल अधिकारी

श्री देवांगन ने यह भी बताया कि जिला शिक्षा कार्यालय में ऐसे व्याख्याताओं को विभिन्न प्रकोष्ठों का नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो अपनी शाला से दूर रहने और अध्ययन-अध्यापन से कोई सरोकार नहीं रखते। यहां तक कि विवादित शिक्षकों को भी महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है, जबकि योग्य और वरिष्ठ व्याख्याताओं की अनदेखी की गई।

शिक्षा व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति

नवगठित जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने के बजाय जिला प्रशासन की कार्यशैली से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। जरूरत है कि अनुभवी और वरिष्ठ शिक्षकों को उचित दायित्व सौंपा जाए, जिससे शिक्षा व्यवस्था को सुचारू एवं प्रभावी बनाया जा सके।

Nilesh Yadav

Comments (0)

Trending News

balodabajar

10वीं पत्नी की हत्या कर जंगल में गाड़ा, रातभर लाश के पास सोता रहा पति...9 लव मैरिज कर चुका है आरोपी

BY lalit sahu 21-04-2025
बहु बनी ‘काल’ : लोहे की फूकनी से सास की हत्या, कोर्ट ने सुनाया उम्रकैद का फैसला

Khairagarh

बहु बनी ‘काल’ : लोहे की फूकनी से सास की हत्या, कोर्ट ने सुनाया उम्रकैद का फैसला

BY Nilesh Yadav23-04-2025
शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने वाला आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा – मोटरसाइकिल जब्त, आरोपी जेल दाखिल

dongargarh

शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने वाला आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा – मोटरसाइकिल जब्त, आरोपी जेल दाखिल

BY Son kumar sinha24-04-2025
Latest News

Nilesh Yadav

© Copyright 2024, All Rights Reserved | ♥ By PICCOZONE